Controversy over promotion of 98 nursing officers reached the Election Commission

चुनाव आयोग के पास पहुंचा 98 नर्सिंग ऑफिसर की पदोन्नति का विवाद, महानिदेशक का दावा चुनावों के ऐलान से पहले जारी हुई थी सूची

Controversy over promotion of 98 nursing officers reached the Election Commission

Controversy over promotion of 98 nursing officers reached the Election Commission

Controversy over promotion of 98 nursing officers reached the Election Commission- चंडीगढ़। हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग में चुनावों की घोषणा के दौरान 98 नर्सिंग ऑफिसर की पदोन्नति व तबादलों को लेकर छिड़ा विवाद निर्वाचन आयोग तक पहुंच गया है। आयोग के नोटिस के जवाब में महानिदेशक ने तर्क दिया है कि पदोन्नति सूची चुनावों के ऐलान से पहले ही जारी हो गई थी कि इंटरनेट नहीं चलने के बाद सीएमओ को यह सूची देरी से भेजी गई।  

हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा नर्सिंग ऑफिसर की सीनियर नर्सिंग ऑफिसर के पद पर पदोन्नति करने की शिकायत वरिष्ठ एडवोकेट ने भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष की थी। जिनके मुताबिक भारत निर्वाचन आयोग ने 16 अगस्त को दोपहर तीन बजे चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। जिसके बाद हरियाणा में चुनाव आचार संहिता लग गई थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के डीजी हेल्थ व नर्सिंग ब्रांच के अधिकारियों ने रात आठ बजे के बाद सीनियर नर्सिंग अधिकारियों की पदोन्नति सूची जारी की गई, जो गलत है।

शिकायतकर्ता ने कहा कि पदोन्नति आदेशों में तुरंत रिलीव करने बारे कहा गया जबकि आचार संहिता में रिलीविंग और ज्वाइनिंग के चुनाव आयोग के आदेश की आवश्यकता होती है। ये शिकायत भारत निर्वाचन आयोग से हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को प्राप्त हुई। जिस पर सीईओ हरियाणा ने महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा से जवाब मांगा था।

जिस पर महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा डॉ. मनीष बंसल की तरफ से भेजे गए जवाब में कहा गया है कि नर्सिंग ऑफिसर के पदोन्नति आदेश 16 अगस्त को दोपहर से पहले जारी किए गए थे। परंतु इंटरनेट न चलने के कारण सीएमओ को देरी से ईमेल की जा सकी। मामले में चुनाव आचार संहिता की उल्लंघना नहीं हुई। जन स्वास्थ्य सेवाओं के मद्देनजर ही पदोन्नति प्रक्रिया अमल में लाई गई। जिसका किसी भी राजनीतिक पार्टी या व्यक्ति विशेष से कोई संबंध नहीं है। विभाग के किसी भी अधिकारी-कर्मचारी की ‘मैलाफाइड इनटेंशन’ प्रतीत नहीं होती।

इस बीच नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष विनीता बांगड़ ने कहा कि यह सूचियां रात को जारी की गई हैं। चुनाव आचार संहिता के बावजूद नर्सिंग ऑफिसर पर नए स्टेशनों पर ज्वाइनिंग का दबाव बनाया जा रहा है। पदोन्नति के बाद तबादला करने से पहले विभागीय अधिकारियों ने किसी से भी उसकी च्वाइस नहीं पूछी। जिसके चलते कई महिला नर्सिंग ऑफिसरों के तबादले दूर-दराज कर दिए गए हैं। जिस कारण शिक्षा सत्र बीच में होने से उनके बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। विनीता बांगड़ ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। चुनाव आयोग को अंधेरे में रखकर अचानक से नर्सिंग स्टाफ के तबादले किए गए हैं।